वापी में गुरु नानक दरबार/Guru Nanak Darbar और वापी पंजाबी चैरिटेबल फाउंडेशन/Vapi Punjabi Charitable Foundation द्वारा “World Turban Day”(विश्व पगड़ी दिन) के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य सिख समाज की विशिष्ट पहचान, पगड़ी को बढ़ावा देना और आने वाली पीढ़ियों में इसके महत्व को बनाए रखना था।
इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में बॉलीवुड अभिनेता मनमीत सिंह, गुरप्रीत सिंह , DYSP गुजरात पुलिस और जशप्रीत सिंह टर्बन स्टाइलने अपनी उपस्थिति दी। World Turban Day के अवसर पे आयोजित इस कार्यक्रम में एक प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी, जिसमें बच्चे, महिलाएं, नौजवान और बुजुर्ग लोगों ने हिस्सा लिया। सभी ने अलग-अलग तरह की दस्तार और पगड़ी सजाकर अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य यह था कि पूरे विश्व में सिखों की पहचान उनकी पगड़ी के लिए जानी जाती है, जो सबसे अलग और सिखों के स्वाभिमान का प्रतीक है। यह पगड़ी आदर और सम्मान का प्रतीक है, और इसका महत्व बनाए रखना आवश्यक है।
उल्लेखनीय है की, हर साल अंतरराष्ट्रीय पगड़ी दिवस मनाया जाता है। यह दिन सिख विरासत और मूल्यों को सम्मान देने के लिए समर्पित है। इस दिन को मनाने का मकसद सिख संस्कृति में पगड़ी के महत्व को स्वीकार करना और धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना है। सिख धर्म में पगड़ी का बहुत महत्व है। यह सिख पहचान का एक अहम प्रतीक है। पगड़ी को ‘दस्तर’ या ‘पग’ के नाम से भी जाना जाता है।
पगड़ी के महत्व के बारे में ज़्यादा जानकारी….
पगड़ी, सिख धर्म और उसके सिद्धांतों के प्रति समर्पण को दिखाती है।
यह बहादुरी, करुणा, और सामुदायिक सेवा जैसे सिद्धांतों का प्रतीक है।
गुरु नानक देव जी ने जीवन भर केश (बाल) धारण किए और आध्यात्मिकता और पवित्रता के प्रतीक के रूप में पगड़ी पहनी।
गुरुओं ने सुनिश्चित किया कि पुरुष और महिला दोनों ही पगड़ी पहन सकें।
सिख धार्मिक अनुष्ठान के रूप में अपने बाल नहीं कटवाते। पगड़ी बालों की रक्षा करती है और उन्हें साफ़ रखती है।