Saturday, December 21News That Matters

वापी में कबाड़ के 50 गोदामों को कराया बंद। किसी के पास नहीं मिला फायर NOC…!

राजकोट की घटना के बाद से जिला प्रशासन के आदेश पर वापी में टीम का गठन कर सभी आवासीय, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में फायर सेफ्टी की जांच शुरू की गई है। जांच के दौरान ज्यादातर में फायर सेफ्टी नियमों को लेकर अनियमितता सामने आ रही है। 

गुरुवार को डूंगरा के डूंगरी फलिया में नायब तहसीलदार की अगुवाई में कबाड़ गोदामों की जांच की गई। लेकिन किसी के पास फायर सेफ्टी की एनओसी से लेकर कोई संसाधन नहीं था। इसे देखते हुए तुरंत 50 गोदामों को सील कर दिया गया। सभी गोदाम मालिकों को जरूरी मंजूरी लिए बिना फिर से शुरू करने के खिलाफ चेतावनी भी दी गई।

जांच टीम ने आबादी विस्तार में गोदामों में ज्वलनशील कबाड़ भरे रहने के बावजूद सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखी। यहां स्थिति ज्यादा खराब है। वापी में सबसे ज्यादा कबाड़ गोदाम करवड, डूंगरी फलिया, डूंगरा, बलीठा और छीरी में हैं। बलीठा और डूंगरी फलिया व करवड में ज्यादातर कबाड़ गोदाम घनी आबादी विस्तार में हैं।

डूंगरा और करवड में हर साल कबाड़ गोदामों में आग लगने की कई घटनाएं होती हैं। फैक्ट्रियों से लाए गए ज्वलनशील और दूषित स्क्रैप के कारण आग लगने पर आसपास के लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाता है। हर बार आग लगने पर गोदाम की आग के घरों तक फैलने से रोकना दमकल कर्मियों की पहली प्राथमिकता होती है।

वर्ष 2016 में करवड में आग की भीषण घटना में ब्रिगेड कॉल घोषित करना पड़ा था। जिसके बाद तत्कालीन कलक्टर ने जिले में सभी कबाड़ गोदामों के लिए जीपीसीबी, स्थानीय निकाय और फायर सेफ्टी के नियम की मंजूरी की जांच का आदेश दिया था। कुछ दिन तक गहमागहमी रही लेकिन बाद में हालात जस के तस हो गए। अब फिर से जांच शुरू हुई है। जिसके बाद से कबाड़ व्यवसायियों में हडक़ंप मचा है।

फायर सेफ्टी को लेकर टीम द्वारा रोजाना अलग अलग विस्तारों में जांच की जा रही है। इससे पहले सभी गेम जोन और चला में आनंद मेला को बंद करवा दिया गया था। सिनेमा हाल में भी जांच की गई थी। वापी में पांच सिनेमा हाल में से तीन बंद हैं और दो चल रहे हैं। वहां जांच में फायर सेफ्टी के मानक पूरे मिले। मॉल की जांच भी की गई थी। बताया गया है कि शुक्रवार को ट्यूशन क्लास और उसके बाद अस्पतालों में फायर सेफ्टी की जांच पड़ताल होगी।

फिलहाल काफी ट्यूशन क्लासिस बंध है। जो 3 जून से शुरू होंगे। उल्लेखनीय है कि इस जांच अभियान में अस्पतालों में जांच अति आवश्यक है। वापी में कबाड़ के गोदाम के बाद दूसरे स्थान पे अस्पतालों के संचालक है जो फायर NOC मामले, सुरक्षा संशाधन मामले में कई बार चर्चा में रहे है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *