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WWF के माध्यम से स्वच्छ दिवाली, शुभ दीपावली : केंद्र सरकार की पहल “A Green, Plastic-Free Festival for a Sustainable Future”

स्वच्छ दीपावली शुभ दीपावली की अवधारणा स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल उत्सव के महत्व पर बल देती है जो मिशन लाइफ यानी पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली के मूल सिद्धांतों को दोहराती है। इसका उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण करना है। इससे जीवनशैली में ग्रह के अनुकूल व्यवहार परिवर्तन लाया जा सकेगा।

इस पहल का उद्देश्य लोगों को स्थानीय रूप से बने उत्पादों को चुनने, एक बार उपयोग होने वाली प्लास्टिक से मुक्त दीपावली मनाने और दीपावली से पहले और बाद में सफाई को प्राथमिकता देने के लिए संवेदनशील और प्रेरित करके पर्यावरण और समुदायों के प्रति दायित्व की भावना पैदा करना है।

इस संदर्भ में, केंद्र का संसाधन भागीदार WWF कार्यक्रम, भारत सरकार का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, हरित दीपावली समारोह के बारे में जागरूकता फैला रहा है। यह Green Dipavali की प्रतिज्ञा वाले इन्फोग्राफिक पोस्टर के माध्यम से हरित, स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त दीपावली का प्रतीक होगा। WWF-India, MoF और CC के कार्यक्रम केंद्र का अधिदेश ‘भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके वन्यजीव संरक्षण (प्रजातियों और आवास सहित)’ कार्यक्रम केंद्र (पीसी) EIACP (पर्यावरण सूचना, जागरूकता, क्षमता निर्माण और आजीविका कार्यक्रम), संसाधन भागीदार (RP), पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-भारत में भारत सरकार को संग्रह, संकलन, भंडारण, पुनर्प्राप्ति के लिए स्थापित किया गया था।

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यह निर्णय निर्माताओं, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, नीति नियोजकों, अनुसंधान वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों के बीच अनुसंधान, विकास और नवाचार को समर्थन और प्रोत्साहन देने के लिए सूचना का प्रसार है।

यह गतिविधि सांस्कृतिक प्रथाओं में पर्यावरण के प्रति चेतना को एकीकृत करने, संधारणीय उत्सवों को प्रोत्साहन देने और भारत के जलवायु एजेंडे में नागरिकों को सक्रिय रूप से शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को उजागर करती है।

हरित, स्वच्छ, पटाखा-मुक्त और प्लास्टिक-मुक्त दीपावली को प्रोत्साहन देने से पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को कम करते हुए त्यौहार की भावना को बनाए रखा जा सकता है। यह शुद्धता, प्रकाश और आनंद के पारंपरिक मूल्यों के साथ संरेखित है, जो यह दर्शाता है कि त्यौहार अपने सांस्कृतिक महत्व से समझौता किए बिना अधिक पर्यावरण के प्रति जागरूप बनने के लिए विकसित हो सकते हैं। हरित दीपावली अभियान जलवायु परिवर्तन समझौतों (जैसे पेरिस समझौते) और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी), विशेष रूप से एसडीजी 13 (जलवायु कार्रवाई) और एसडीजी 12 (दायित्वपूर्ण उपभोग और उत्पादन) के अंतर्गत भारत की प्रतिबद्धताओं के साथ प्रतिध्वनित होता है।

प्रतिज्ञाओं के माध्यम से जन भागीदारी समुदाय-संचालित समाधानों को प्रोत्साहित करती है। ऐसे अभियानों से जुड़ने वाले व्यक्ति अपनी जीवनशैली में हरित प्रथाओं को शामिल कर सकते हैं, जिससे दीर्घकालिक पर्यावरणीय संरक्षण को प्रोत्साहन मिलता है।

पृष्ठभूमि……

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मिशन लाइफ (पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली) की शुरुआत 20 अक्टूबर, 2022 को गुजरात के केवडिया में की थी और इसका उद्देश्य सरल और आसान कार्यों के माध्यम से व्यक्तियों के व्यवहार में बदलाव लाना है। भारत सरकार का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी) मिशन लाइफ के राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय और कार्यान्वयन के लिए नोडल मंत्रालय है। मंत्रालय ने अपने कार्यान्वयन प्रयासों के हिस्से के रूप में मिशन लाइफ के साथ अपनी गतिविधियों को सक्रिय किया है और लोगों द्वारा करने वाले स्थायी कार्यों के बारे में जागरूकता फैलाई है। पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली (लाइफ) भी जी-20 शिखर सम्मेलन के चार महत्वपूर्ण ध्यान देने वाले क्षेत्रों में से एक था।

जैसा कि ग्लासगो में विश्व नेताओं के शिखर सम्मेलन सीओपी-26 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित किया गया था और 20 अक्टूबर 2022 को इसकी शुरूआत की गई थी। मिशन लाइफ का उद्देश्य स्थिरता के प्रति हमारे सामूहिक दृष्टिकोण को बदलने के लिए तीन-आयामी रणनीति का पालन करना है। पहला है लोगों को अपने दैनिक जीवन में सरल लेकिन प्रभावी पर्यावरण-अनुकूल कार्यों का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करना (मांग); दूसरा है उद्योगों और बाजारों को बदलती मांग (आपूर्ति) के लिए तेजी से प्रतिक्रिया करने में सक्षम बनाना और; तीसरा है सरकार और औद्योगिक नीति को प्रभावित करना ताकि टिकाऊ उपभोग और उत्पादन (नीति) दोनों का समर्थन किया जा सके।

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