देश के कई राज्य भीषण गर्मी की मार झेल रहे है।गर्मी या लू स्वास्थ को प्रभावित कर सकती है। इस समय संघप्रदेश दादरा नगर हवेली भी एक सख्त गर्मी की लहर से गुजर रहा है। और अगले कुछ दिनों में यह बरक़रार रहने की संभावना है। गर्मी के दिनो मे ध्यान न रखने से आप गर्मी के प्रकोप से ग्रस्त हो सकते है।
किसको रहना है सतर्क। किसका रखना है ध्यान।
ज्यादा गर्मी का असर ज्यादातर नवजात शिशुओं, बच्चे, बुज़ुर्ग एवं जो व्यक्ति सीधी धूप मे ज्यादा समय के लिए कार्यकरता है जैसे की मजदूर, किसान, सड़क एवं निर्माण कर्मी एवं कठोर शारीरिक गति विधियों में संलग्न व्यक्ती जैसे खिलाड़ी, सैन्य व्यक्ति, पुलिस आदि पर होता है।
गर्मी का शरीर पर क्या असर होता है।
लू लगने का महत्वपूर्ण संकेत शरीर के तापमान का 104 डिग्री फरेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) के ऊपर होना है। इसके अतिरिक्त बहुत तेज सिरदर्द, चक्कर आना, गर्मी होने के बावजूद पसीने का कम आना, लाल, गर्म और शुष्क त्वचा, मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन, मतली/उल्टी, सुस्ती, दिल की धड़कन का तेज होना, सांस तेज होना, मानसिक भ्रम की स्थिति एवं बेहोशी जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।
कुछ खास बातों का ध्यान रखने से गर्मी के प्रकोप से बचा जा सकता है जैसे की ज्यादा मात्रा मे पानी पिये, जहाँ तक हो सके कड़ी धूप मे बाहर न निकले, घर मे या छाव मे रहे। अगर बाहर निकलना पड़े तो छाते या टोपी का इस्तेमाल करे, फीके रंग के हल्के और ढीले कपड़े पहने। धूप से बचने के लिये कपड़े या स्कार्फ का इस्तेमाल करे। कड़ी धूप मे बाहर निकलते वक्त गीले कपड़े से सर को ढँके। गर्मी के दिनो मे नींबु-पानी, छाछ या नारियल पानी पिये। हरी पत्तीदार सब्जियों / फलो का ज्यादा इस्तेमाल करे।
गर्मी के दिनों मे क्या न करे।
गर्मी के दिनों मे क्या न करे जैसे की सॉफ्ट ड्रिंक्स, शराब एवं नशीले पदार्थों का सेवन न करे। कड़ी धूप मे घर से बाहर न निकले। कड़ी धूप मे ज्यादा शारीरिक श्रम वाले काम न करे। गर्मी की ऋतु मे खाना जल्द बासी हो जाता है, बासी खाना न खाये। बच्चे, गर्भवती महिलाए और बुजुर्ग लोग दोपहर के समय घर से न निकले। इन सभी बातों का ध्यान रख कर हम सभी खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते है।