केंद्रशासित प्रदेश दादरा नगर हवेली के सिलवासा में स्थित श्री विनोबा भावे सिविल अस्पताल में जटिल और जोखिमभरी सर्जरी कर के महिला मरीज को नवजीवन प्रदान किया है। महाराष्ट्र के पालघर जिले की 44 वर्ष की एक महिला को पेटदर्द की शिकायत से अस्पताल में भर्ती किया गया। उनके पेट में बड़ी गांठ थी। जिस की टोटल एब्डॉमिनल हिस्ट्रेक्टोमी सर्जरी की गई । और महिला के पेट से 5.25 किलो की गांठ निकाली गई। सर्जरी के 4 दिन बाद बिना कोई तकलीफ के उस महिला को छुट्टी दी गई।
महाराष्ट्र के पालघर जिले की 44 वर्ष की एक महिला को पेटदर्द की शिकायत से श्री विनोबा भावे सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया। उस महिला को माहवारी में तकलीफ थी और पेट में सूजन थी । एमआरआई जाँच में पता चला की उनके पेट में 25 x 24 x 17 cm बड़ी गांठ है जो लगभग 9 महीने के गर्भावस्था के बराबर था । महिला की जान बचाने के लिए वह निकालना बहुत जरुरी था । दिनांक 26-11-2021 को उस महिला की टोटल एब्डॉमिनल हिस्ट्रेक्टोमी सर्जरी की गई । उस महिला के पेट से निकाले गए फाइब्रॉइड का वजन 5.25 किलो था । साधारण लेप्रोस्कोपी से सर्जरी संभव न होने पर यह सर्जरी की जाती है । सर्जरी के 4 दिन बाद बिना कोई तकलीफ के उस महिला को छुट्टी दी गई।
केंद्रशासित प्रदेश दादरा नगर हवेली के सिलवासा में स्थित श्री विनोबा भावे सिविल अस्पताल में अब ऐसी भी जटिल और जोखिमभरी सर्जरी की जाती है जिसके लिए मरीज को पहले मुंबई या सूरत के किसी बड़े अस्पताल में भेजा जाता था । दिनांक 26-11-2021 को अस्पताल के स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. जेतल पटेल, डॉ. सुमन शर्मा और एनेस्थेटिस्ट डॉ. चिराग परमार और उनकी टीम ने ऐसी ही सर्जरी की जो बहुत ही जटिल और जोखिमभरी सर्जरी थी।
इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य निदेशक डॉ. वी. के. दास ने डॉ. जेतल पटेल, डॉ. सुमन शर्मा और एनेस्थेटिस्ट डॉ. चिराग परमार तथा ऑपरेशन थिएटर के सभी कर्मचारियों को धन्यवाद दिया और उनके काम की सराहना की । और साथ में उन्होंने यह भी बताया कि दानह स्वास्थ्य विभाग अस्पताल में आनेवाले सभी मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए हमेशा तत्पर है चाहे वह मरीज किसी दूसरे राज्य से क्यों न आया हो।