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राजनाथ सिंह ने Coast Guard के स्वदेश निर्मित जहाज़ ‘विग्रह’/ ‘Vigraha’ देश को समर्पित किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 28 अगस्त, 2021 को चेन्नई में स्वदेश निर्मित Coast Guard Ship ‘विग्रह’ राष्ट्र को समर्पित किया। इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह जहाज प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सफल साझेदारी का एक आदर्श उदाहरण है और भारत की तटीय रक्षा क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार का प्रतिबिंब भी है। 

 

 

कुल 98 मीटर लंबाई वाले OPV को मैसर्स लार्सन एंड टुब्रो शिप बिल्डिंग लिमिटेड/M/s Larsen & Toubro Ship Building Ltd., द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है, और यह advanced technology Radars, Navigation तथा Communication Equipment, Sensor और मशीनरी से सुसज्जित है जो उष्णकटिबंधीय समुद्री परिस्थितियों/tropical sea conditions में काम करने में सक्षम है। vessel 40/60 बोफोर्स तोप से लैस है और अग्नि नियंत्रण प्रणाली के साथ दो 12.7 मिमी स्थिर रिमोट कंट्रोल गन (SRCG) से सुसज्जित है। जहाज इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम (IBS), इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS), ऑटोमेटेड पावर मैनेजमेंट सिस्टम (APMS) और हाई-पावर एक्सटर्नल फायरफाइटिंग (EFF) सिस्टम से भी लैस है। जहाज को बोर्डिंग ऑपरेशन, खोज और बचाव, कानून प्रवर्तन और समुद्री गश्त के लिए एक ट्विन इंजन हेलीकॉप्टर और चार हाई स्पीड नौकाएं ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जहाज समुद्र में तेल रिसाव को रोकने के लिए सीमित प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण ले जाने में भी सक्षम है। जहाज लगभग 2200 टन वज़न विस्थापित करने में सक्षम है और 9100 किलोवाट के दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित किया जाता है ताकि किफायती गति पर 5000 नॉटिकल माइल की एंड्योरेंस के साथ 26 समुद्री मील प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की जा सके।

 

भारतीय रक्षा के इतिहास में पहली बार एक या दो नहीं बल्कि सात जहाजों के अनुबंधों पर एक निजी क्षेत्र की कंपनी के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि 2015 में इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के सात वर्षों के भीतर न केवल लॉन्च बल्कि इन सभी सात जहाजों की कमीशनिंग भी आज पूरी हो गई है।बदलते वैश्विक सुरक्षा परिवेश पर राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया भर के देश अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत कर रहे हैं और सरकार विभिन्न सुधारों के माध्यम से यह सुनिश्चित कर रही है कि भारत पीछे न रहे। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम एक मजबूत और शक्तिशाली सेना और आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग विकसित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।”उन्होंने रक्षा क्षेत्र में लाइसेंसिंग की प्रक्रिया को सरल बनाने, AON और RFP प्रक्रियाओं को तेज करने, निर्यात पर जोर देने, निजी क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने, defence corridors की स्थापना, नई रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 की घोषणा समेत कुछ सुधारों का उदाहरण दिया ।रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इन सुधारों के कारण भारत जल्द ही एक defence manufacturing hub बन जाएगा जो न केवल घरेलू जरूरतों को बल्कि पूरी दुनिया की जरूरतों को भी पूरा करेगा। उन्होंने देश भर में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाए जा रही स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर इस दिशा में आगे बढ़ने के सरकार के संकल्प को दोहराया।

 

यह कहते हुए कि देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और व्यापारिक संबंध लगातार उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं, रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत इन घटनाओं से अछूता नहीं रह सकता क्योंकि “हमारे हित सीधे हिंद महासागर से जुड़े हुए हैं”। उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र को न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग बताया क्योंकि यह दो-तिहाई से अधिक तेल शिपमेंट, एक तिहाई थोक माल और आधे से अधिक कंटेनर यातायात का केंद्र है। लगातार बदलते क्षेत्रीय परिदृश्य के साथ राजनाथ सिंह ने हर समय सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “हमें, एक राष्ट्र के रूप में, दुनिया भर में अनिश्चितताओं और उथल-पुथल के इस समय में अपनी सतर्कता का स्तर ऊंचा रखना चाहिए। रक्षा मंत्री ने मित्रता, खुलेपन, संवाद और पड़ोसियों के साथ सह-अस्तित्व की भावना पर ध्यान केंद्रित रखते हुए प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित सागर/SAGAR (Security and Growth for All in the Region)  के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में अपने कर्तव्य का विशेष ध्यान रखने वाले तटरक्षक के प्रयासों की सराहना की ।

 

राजनाथ सिंह ने समावेश की भावना के अनुरूप पड़ोसी देशों को सहायता प्रदान करने में भारतीय तटरक्षक की भूमिका को याद किया। उन्होंने पिछले साल Very large crude carrier MT ‘New Diamond’ और cargo ship MV ‘X-Press Pearl’ को बचाने में सक्रिय सहायता प्रदान करने में Coast Guard की भूमिका की सराहना की। उन्होंने ‘Wakashio’ motor vessel से तेल रिसाव के दौरान मॉरीशस को प्रदान की गई सहायता के लिए तटरक्षक बल के प्रयासों को भी सराहा। ICGS ‘Vigraha’ Visakhapatnam में स्थित होगा और कमांडर, तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) के संचालन तथा प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत के पूर्वी समुद्र तट पर संचालित होगा। ICGS विग्रह की कमान कमांडेंट PN अनूप के पास है और इसमें 11 अधिकारी तथा 110 जवान हैं ।

तटरक्षक बल के पूर्वी बेड़े में शामिल होने पर तटरक्षक चार्टर में निहित EEZ निगरानी और अन्य कर्तव्यों के लिए बड़े पैमाने पर भारत के सामुद्रिक हितों की रक्षा के लिये जहाज को तैनात किया जाएगा। इस जहाज के बेड़े में शामिल होने पर भारतीय तटरक्षक की सूची में 157 जहाज और 66विमान होंगे। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टी थेनारासु, थल सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे, महानिदेशक भारतीय तटरक्षक बल कृष्णस्वामी नटराजन, अतिरिक्त महानिदेशक वी.एस. पठानिया, तटरक्षक कमांडर (पूर्वी समुद्री तट) एपी बडोला, कमांडर तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) कमांडेंट पीएन अनूप- कमांडिंग ऑफिसर, ICG विग्रह भी उपस्थित थे ।

 

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