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32 साल के इंजीनियर चंद्र प्रकाशने 4 साल में 41 बार पैदल यात्रा कर के मुंबई से खाटू श्याम तक का 1350 किलोमीटर का सफर तय किया।

मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले और मुंबई को कर्मभूमि बनाने वाले इंजीनियर चन्द्र प्रकाश ढाँढ़ण पिछले 4 साल से मुंबई से राजस्थान के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल खाटू श्याम बाबा की पैदल यात्रा कर रहे हैं। सायन्स की पढ़ाई कर के इंजीनियर बने इस युवक को खाटू श्याम बाबा की भक्ति और भजनों पर अटूट विश्वास है। जिन्होंने मजबूत मनोबल के साथ 1350 किलोमीटर की 41 पदयात्राएं पूरी कर 42वीं यात्रा के साथ बाबा के दरबार में माथा टेकने के लिए निकल पड़े हैं। जिसका वापी में रहने वाले बाबा खाटू श्याम के भक्तों ने स्वागत किया और कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किया।

राजस्थान के सीकर जिले के रामगढ़ शेखावाटी तालुका के ढाँढ़ण गांव के 32 वर्षीय चन्द्र प्रकाश ढाँढ़ण पिछले 4 साल से राजस्थान के सीकर जिले के खाटू श्याम धाम में बाबा के दर्शन के लिए पैदल यात्रा कर रहे हैं। अपनी पैदल यात्रा के बारे में चन्द्र प्रकाश ढाँढ़ण ने बताया कि मुंबई से खाटू श्याम धाम की यह उनकी 42वीं यात्रा है। वह 1350 किलोमीटर लंबी इस यात्रा को विश्व कल्याण की भावना से कर रहे हैं। और अब तक 55000 किलोमीटर से ज्यादा चल चुके हैं।

इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर भजन गायक बने चन्द्र प्रकाश ढाँढ़ण अपनी पदयात्रा से बाबा खाटू श्याम का प्रचार कर रहे हैं। यह अहसास उन्हें अनायास हुआ। और उसी से प्रेरित होकर वो पिछले 4 साल से पैदल यात्रा कर रहे हैं। उनका मानना ​​है कि बाबा चाहते हैं कि हम यह मुश्किल उठा के उनका प्रचार करें। शायद उनका चयन इसके लिए ही किया गया है। बाबा के कीर्तन कर के अपनी रोजी रोटी कमाने वाले चन्द्र प्रकाश ढाँढ़ण भजनों की कमाई से ही यह पदयात्रा करते हैं। कभी किसी से यात्रा के लिए कोई भी प्रकार का धन नहीं लेते।

विज्ञान का छात्र होने के बावजूद बाबा की भक्ति में अटूट विश्वास रखने वाले इस पदयात्री का मानना ​​है कि अपनी कठिन यात्रा के दौरान उन्होंने खाटु श्याम बाबा के कई साक्षात्कार किए हैं। पदयात्रा के दौरान सुनसान सड़क पर लुटेरों ने उनका सामान और रुपये लूट लिए। जंगल जैसे रास्ते पर तेंदुए जैसे जंगली जानवरों का सामना करना पड़ा। पैदल चलने के दौरान कुत्तों के काटा। हाईवे पर तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से हुए हादसे में पैर की हड्डी टूट गई। हालाँकि उन्होंने खाटू श्याम बाबा के आशीर्वाद और समर्थन से ही इस पदयात्रा को जारी रखा है।

4 साल में 1350 किमी की दूरी 41 बार तय करने वाले और 55000 किमी से ज्यादा की दूरी तय करने वाले चन्द्र प्रकाश ढाँढ़ण के परिवार में माता-पिता, भाई-बहन हैं। जिन लोगों को शुरू में उनकी भक्ति और पदयात्रा पसंद नहीं आई लेकिन लोगों की सराहना देखकर अब वे उन्हें इस अच्छे और धार्मिक कार्य के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

42वीं बार 1350 किलोमीटर लंबी यात्रा पर निकले चन्द्र प्रकाश ढाँढ़ण का वापी में रहने वाले बाबा खाटू श्याम के भक्तों ने फुलहार चढ़ाकर स्वागत किया. और अपनी पदयात्रा का खर्च उठाने के लिए कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किया।

बाबा की भक्ति में 42वीं पदयात्रा पर निकले चन्द्र प्रकाश ढाँढ़ण ने बातचीत के अंत में कहा कि जब तक बाबा इस यात्रा की अनुमति देंगे तब तक वे यह यात्रा करते रहेंगे। क्योंकि 4 साल पहले जब वे आत्महत्या करने निकले थे तब से अब तक पदयात्रा में आने वाली हर परेशानी में बाबा उनका साथ देते रहे हैं। इसलिए बाबा का प्रचार करने के लिए अपनी ये पैदल यात्रा करते रहेंगे।

 

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